हिंदी वर्णमाला में ळ का जुड़ना Posted on January 18, 2025January 19, 2025 By Arvind Raghuvanshi अगस्त २०२४ में भारत सरकार के केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय ने हिंदी वर्णमाला में संशोधन करते हुए “ळ” को विशिष्ट व्यंजन के रूप में शामिल किया है। अपनी हिन्दी में अब कुल वर्णों की संख्या 52 से बढ़कर 53 हो गई है। Download: देवनागरी लिपि और हिंदी वर्तनी का मानकीकरण (devanagari-lipi) ळ वर्ण का उपयोग नया नहीं है | हिंदी की प्रमुख बोलियों में जैसे कि हरियाणवी, मारवाड़ी , गढ़वाली और कुमाउँनी में ळ ध्वनि का उपयोग हमेशा से रहा है, लेकिन ळ वाले शब्दों को देवनागरी लिपि में ल से ही लिखा जाता रहा है | देवनागरी का प्रयोग अन्य मराठी जैसी समृद्ध भाषाओँ में भी है, और मराठी में तो ळ की ध्वनि बहुत शब्दों में आती है | देवनागरी में ळ अक्षर के जुड़ने से अब इन शब्दों को शुद्धतया लिखना संभव होगा | दक्षिण भारत की भाषाएँ यथा तमिळ, तेलुगु, मलयाळम, कन्नड़ और ओड़िया में भी ‘ळ’ ध्वनि का व्यापक प्रचलन है | इस उपयुक्त वर्ण के जुड़ जाने से अब हिंदी और अन्य भाषाओँ के शब्दों की ळ ध्वनि को शुद्ध रूप में लिख और बोल सकेंगे | अब इन शब्दों को ठीक वैसा की लिखा जा सकेगा जैसा इन्हे बोला जाता है | ळ वर्ण के जुड़ने से हिंदी भाषा और समृद्ध हुई है | हिंदी वर्णमाला में ळ का स्वागत है | आपका इस बारे में क्या विचार है? नीचे Comment Box में अवश्य साझा करें ! लेख (article)
हिंदी दिवस Posted on September 14, 2024September 23, 2024 आज हिंदी दिवस के उपलक्ष में आप सबको हार्दिक शुभकामनाएं| १४ सितम्बर १९४९ को भारत सरकार ने संविधान सभा में हिंदी को राजभाषा के रूप में मान्यता दी थी। इसी निर्णय के महत्व को प्रतिपादित तथा प्रत्येक क्षेत्रों में प्रसारित करने के लिए १९५३ से पूरे भारत में १४ सितम्बर को हिन्दी दिवस मनाया जाता है| हिंदी दिवस न केवल हिंदी भाषा की प्रतिष्ठा का… Read More